President of Bharat...
कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ़ इंडिया की यदि पाबंदी न होती तो भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 2019 के चुनाव के पश्चात कब का हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र घोषित कर चुके होते।
इनका वास्तव में किसी से कुछ लेना देना नहीं है
ना संस्कृति से से और ना ही लोगों की खुशहाली से।
यह नारे उछलते हैं ।राज्य सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लिए।
यह कभी भी अंग्रेजों से नहीं लड़े जिन्होंने 200 साल तक भारत पर राज किया और फिर भारतवासियों के स्वतंत्रता संग्राम के संघर्षों ने हीं उनको मार के भगाया।
बड़े सनातन धर्म की बात करते हैं।कोई भी सवाल पूछ सकता है की महमूद गजनवी के से क्यों सनातन धर्म के अधिकतर राजा नहीं लड़ पाए थे?
यह अलग बात है अनेकों विदेशी आक्रांता हिंदुस्तान के ही होकर रह गए।
हिंदुस्तानी हो गए ,भारतवर्ष के हो गए, इंडियन हो गए। कुछ भी कह लीजिए।अंग्रेजों ने और हिंदू मुस्लिम सांप्रदायिक शक्तियों ने भारत को विखंडित कर दिया ।
डिवाइड एंड रूल चला। जब रूल करने में असमर्थ हो गए तो डिवाइड कर दिया।
पाकिस्तान बन गया।
हिंदू मुस्लिम में वैमनस्यता हो गई।
पाकिस्तान एक इस्लामिक स्टेट बना।
सबसे बड़ा अंतर पाकिस्तान और हिंदुस्तान में रहा कि हिंदुस्तान एक आधुनिक धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बना जिसमें सभी धर्म के मानने वालों का स्थान है।
ये इस स्टेटस को बदलना चाहते हैं। पर कर नहीं पाएंगे।
2014 में ऐसा हुआ कि लोकतंत्र के माध्यम से, जिसे देश की जनता समझ ना पाई । मीडिया ने ऐसा वातावरण तैयार किया कि इनको सत्ता पर बैठा दिया और फिर 2019 में अपार बहुमत दे दिया।
पर अब 10 वर्षों में उनके सारे रंग रूप देश की जनता के सामने आ गए हैं l
भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय सरकार शगूफे बाज है ।
अब एक नया शगूफा ले आए जिसमें g20 के मेहमानों को जो निमंत्रण पत्र गया है डिनर का उसमें लिखा गया है।
प्रेसिडेंट ऑफ भारत।
यह भी करके देख ले।
इनको मालूम होना चाहिए, जिस , संविधान को लिखे जाते वक़्त इन्होंने समर्थन नहीं किया उसी संविधान में लिखा है:
धारा 1 में लिखा है।
"India, that is Bharat, shall be a union of states ."
"भारत ,अर्थात इंडिया ,राज्यों का संघ होगा।"
जब तक यह सत्ता में है , सन 24 के चुनाव तक कुछ ना कुछ ऐसा ही करते रहेंगे ।
खुशी की बात है इंडिया एलाइंस इनके नकेल डालने के लिए मैदान में है और 8 तारीख को उत्तर प्रदेश से ही उसकी शुरुआत हो जाएगी।