हर गली हर चौराहे पर बेटियां लाचार है।
*कहां गए वो हरामी जो कहते थे हम भी चौकीदार हैं*।
कमीने लोगों को चौकीदारी की नौकरी दे दो या मंत्री की ---- कमीनापन तो नहीं छोड़ेंगे।।
जनता ने ही तो गलती किया है--
दरअसल ये
धमकी ,हत्या, हिंसा दंगा, फसाद, रेप
गैंगरेप ,संविधान का घोर उल्लंघन बिकी हुई गुलाम मीडिया,हरेक तरह का अन्याय, बेरोजगारी भेदभाव
ये सब
मूलनिवासी
बहुजन
गोंडवाना अंबेडकरवादी संगठनों की बात को तवज्जो नहीं देने, नही सुनने ,नहीं मानने और *राजनीति मत करो भाई /राजनीतिक चश्मा उतारकर देखो /सभी पार्टी सभी नेता एक ही जैसे होते हैं* कहकर समाज को गुमराह करने का ही नतीजा है।इसके सिवा और कुछ नहीं।।